शिक्षा

शिक्षा किसी भी विकसित राज्य या देश का आधार है। किसी ने ठीक ही कहा है कि ‘शिक्षा वह हथियार है, जिसका उपयोग करके पूरी दुनिया को बदला जा सकता है। आत्मविश्वास के निर्माण तथा सही व गलत के बीच विश्लेषण करने का सामर्थ्य शिक्षा से ही संभव है।

हालाँकि सरकार प्रत्येक शहर एवं गाँव में विभिन्न शैक्षणिक अभियानों को चला रही है, लेकिन लोगों तक सही मायने में शिक्षा का लाभ पहुँचाने के लिए इन अभियानों के प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है। हमने शैक्षणिक सरकारी कार्यक्रमों का समर्थन करते हुए इस दिशा में अभियान शुरू कर दिया है। शिक्षित व सभ्य समाज के निर्माण हेतु सेवा सदन द्वारा अनेक शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। हमारी शिक्षा के प्रति समर्पित कुछ प्रमुख गतिविधियाँ:

  1. शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के वे छात्र जिनके माता-पिता गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं, पढाई में कमजोर छात्रों, महिलाओं पुरुषों, बच्चों एवं प्रौढ़ों की साक्षरता दर आदि का सर्वे किया जाता है।
  2. स्पोर्ट क्लब खोलना एवं योग शिविरों का आयोजन करना।
  3. शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देना और लोगों को शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाली नौकरियों के लाभ से अवगत करना।
  4. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी शिक्षा के लिए अभियान शुरू कर लोगों की सहायता करना।
  5. जनजातीय क्षेत्र में जागरूकता अभियान शुरू कर उन्हें बेहतर जीवन जीने में शिक्षा की भूमिका से अवगत कराना।
  6. सरकारी, गैर-सरकारी व स्वैच्छिक संगठनों एवं दान दाताओं से धन का प्रबंध कर विद्यार्थियों को पुस्तकें तथा वर्दी आदि उपलब्ध करवाना।
  7. प्राथमिक और उच्चतर शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम का समर्थन एवं प्रारंभ करना।
  8. पढाई में कमजोर छात्रों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करना।
  9. छात्रों को उनके मनपसंद क्षेत्र में पढाई के लिए सहयोग करना।
  10. मानवता एवं हमारे देश के गौरवशाली इतिहास के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
  11. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं एवं वृद्धों को शिक्षित करने अभियान चलाना।
  12. मलिन बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशालाओं का आयोजन कर उन्हें व्यापारिक विचारों एवं अवसरों से अवगत कराना।
  13. नौकरी उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करना।
  14. बेरोजगार लोगों को वेतन के आधार पर हमारे साथ काम करने के लिए आमंत्रित कर उन्हें उचित प्रशिक्षण उपलब्ध करवाना।

हमारा मानना है कि “शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं; बल्कि शिक्षा ही जीवन है”; इसलिए शिक्षा के प्रति लोगों में आत्म-जागरूकता बढ़ाने की रणनीति के तहत सेवा सदन द्वारा व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।