स्वच्छता और स्वास्थ्य

प्रथम संपत्ति स्वास्थ्य ही होता है और स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता अनिवार्य होती है क्योंकि स्वच्छता ही स्वस्थ व्यक्ति, समाज, देश एवं विश्व की कुंजी है। हम सेवा सदन में सबसे पहले अपने स्वयंसेवकों को स्वच्छ व स्वस्थ व्यक्ति, समाज, देश एवं विश्व के उद्देश्य से स्वच्छ और स्वस्थ आदतों के लिए प्रशिक्षित करते हैं।

  1. ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए लोगों में स्वस्थ व स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूकता व समझ पैदा करना। हमने गतिविधियों की सूची में स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दे को प्राथमिकता से लिया है क्योंकि स्वस्थ दिमाग में ही स्वस्थ विचार उत्पन्न होते हैं।
  2. हम स्थानीय ग्रामीण और छोटे शहर के अस्पतालों व डिस्पेंसरियों सहित उनके आस-पास के क्षेत्रों की सफाई नियमित सर्वेक्षण करना।
  3. सभी के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन।
  4. शारीरिक व मानसिक रूप से विकलांग लोगों की सहायता के लिए समाज के समर्थ लोगों को आमंत्रित करना, जिससे शारीरिक व मानसिक रूप से विकलांग लोग भी सहजता व स्वाभिमान के साथ आपना जीवन यापन कर सकें।
  5. प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण देते हुए लोगों को गंभीर बीमारियों व समय रहते उनके उचित इलाज के लिए जागरूक करना।
  6. ‘पेड़ लगाओ-जंगल बचाओ’ तथा ‘स्वच्छता अभियान’ जैसे अभियानों को बढ़ावा देकर लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना।
  7. किसानों सहित जन सामान्य को खेती में प्रयोग होने वाले कीटनाशकों के भयानक परिणामों से अवगत कराना।
  8. सरकार द्वारा शुरू की गई “किसान क्रेडिट कार्ड” सहित अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुँचाने के लिए सहायता करना तथा किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना।
  9. बेहतर खेती के लिए मिट्टी की जांच आदि की सुविधा मुहैया कराने प्रत्येक पंचायतों में कृषि शोधकर्ताओं के शिविरों की व्यवस्था करना, इससे जहाँ मिट्टी की कमियां पता चलेंगी वहीँ उन कमियों को दूर करने सहित अधिक पैदावारी करने के सभी उपयुक्त उपायों से भी अवगत कराया जाएगा।
  10. जैविक खेती के लिए कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था करना।
  11. मानसिक सहित अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों का सर्वेक्षण कर ब्यौरा तैयार करना।
  12. मानसिक व अन्य बीमारियों के रोगियों का इलाज करवाने हेतु सरकारी व अन्य संगठनों से सहयोग लेना।
  13. किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए धन संग्रह कर सभी क्षेत्रों के लिए एम्बुलेंस सेवा की व्यवस्था करना, जिससे कि भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी से निपटा जा सके।
  14. ग्राम पंचायत, जिला परिषद और अन्य स्थानीय अधिकारियों की मदद से स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण आदि से सम्बंधित स्थानीय समस्याओं पर आधारित सार्वजनिक बैठकें आयोजित कर उनका उचित समाधान करना।सेवा सदन एक स्वच्छ और स्वस्थ आचरण से युक्त सभ्य भारतीय समाज का निर्माण करना चाहता है।