कितना घातक है कीटनाशकों का फसलों में प्रयोग चौ मंगल सिंह

कितना घातक है कीटनाशकों का फसलों में प्रयोग चौ मंगल सिंह
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गाज़ियाबाद,मंगलवार,4-02-2020 गौशालाओं को गौसंवर्धन केंद्रों में परिवर्तित कर,जैविक कीटनाशक एवंम जैविक खाद का उत्पादन उतना ही जरूरी है जितना जीवित रहने के लिए सांस लेना जरूरी है सम्मानित सदस्यों उपरोक्त विषय पर ध्यान नहीँ दिया तो अगले दस वर्षों में आधी जनता केन्सर से पीड़ित हो जाएगी ,बिरादरी कोई भी हो इस से फर्क नही पड़ता ।आओ साथ मिल कर,कीटनाशकों का उपयोग/उत्पादन पूर्णतः बन्द कराएं,गौगोबर-गौमूत्र से निर्मित जैविक कीटनाशक /जैविक खादों का प्रयोग करके गौशालाओं को बचाएं ,गौमाताओं को *बचाएं ,जीवन बचाएं का आवाहन करते हुवे सेवा सदन के महामंत्री चौ मंगलसिंह जी ने बताया कि वे सेवा सदन की पूरी टीम के साथ पिछले एक वर्ष से इस कार्य लगे हुवे हैं
इसी कड़ी को आगे बढाते हुवे वरिष्ठ समाज सेवी आदरणीय प्रवीण आर्य जी ने कहा कि आज हमारे देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों के खेती में कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग हो रहा है। हमारे खाने में मीठा जहर परोसा जा रहा है, जो सिंचाई जल और कीटनाशकों के जरिए अनाज,सब्जियों और फलों में शामिल हो रहा है।कीटनाशक के ज्यादा इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही है तथा यह कीटनाशक जमीन में रिसकर भूजल को जहरीला बना रहा है। नदियों तालाबों तथा अन्य जलस्रोतों में बहकर वहां के पानी को जहरीला बनाता है जिससे इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों और पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंच रहा है। इस मोके पर वरिष्ठ समाज सेवी अनिल बहलोत, विनोद पल सिंह ,कैप्टिन देवपाल सिंह ,नवनीत तोमर ,रचना आदि मौजूद रहे ।
अपूर्वा चौधरी
मीडिया प्रभारी
राष्ट्रीय गौसेवा समिति

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